Options Trading में ITM, ATM और OTM तीन प्रकार के ऑप्शन्स के Strike Price को संदर्भित करते हैं। इनका महत्व, उपयोग, और ऑप्शन्स ट्रेडिंग पर प्रभाव निम्नलिखित है:
START LEARNING STOCK MARKET FROM SCRATCH (CLICK HERE)ऑप्शन ट्रेडिंग में ITM, ATM, और OTM का अर्थ
1. ITM (In-the-money):
ITM Option वह होता है जिसका Strike price मार्केट के मौजूदा Price से बेहतर होता है। यदि आपके पास Call Option है और मार्केट प्राइस स्ट्राइक प्राइस से अधिक है, या यदि आपके पास पुट ऑप्शन है और मार्केट प्राइस स्ट्राइक प्राइस से कम है, तो वह ITM में आता है . ITM Option में Intrinsic value होती है, जो उन्हें अधिक महंगा बनाती है, लेकिन वे तत्काल प्रयोग किए जा सकते हैं .
Example: यदि XYZ कंपनी का शेयर ₹500 पर Trade कर रहा है और आपने ₹480 का Strike price वाला कॉल विकल्प खरीदा है, तो वह ITM Option कहलाएगा क्योंकि बाजार मूल्य Strike price से अधिक है।
Common Mistakes : निवेशक कभी-कभी Options के मूल्य में आए तत्काल लाभ को देखकर इसे ITM मान लेते हैं, जबकि विकल्प की ITM स्थिति का निर्धारण उसके Intrinsic Value से होता है।
- कॉल ऑप्शन के लिए ITM: जब मौजूदा मार्केट प्राइस स्ट्राइक प्राइस से अधिक होता है .
- पुट ऑप्शन के लिए ITM: जब मौजूदा मार्केट प्राइस स्ट्राइक प्राइस से कम होता है .
- ITM ऑप्शन्स में इंट्रिंसिक वैल्यू होती है और इसके प्रीमियम अधिक होते हैं .
- ITM ऑप्शन्स अधिक रिस्की होते हैं लेकिन अधिक रिवॉर्ड भी दे सकते हैं .
2. ATM (At-the-money):
ATM Option वह होता है जिसका Strike Price अंडरलाइंग एसेट के मौजूदा मार्केट प्राइस के आसपास या बराबर होता है। इसमें कोई Intrinsic value नहीं होती, केवल टाइम वैल्यू होती है.
- ATM ऑप्शन्स वे होते हैं जहाँ Strike price और मौजूदा Market Price बराबर होते हैं.
- इनमें रिस्क और रिवॉर्ड ITM और OTM के बीच में होते हैं .
Example : यदि XYZ कंपनी का शेयर बाजार में ₹500 पर Trade कर रहा है और आपने ₹500 का Strike Price वाला Call या Put option खरीदा है, तो वह ATM विकल्प कहलाएगा।
Common Mistakes: निवेशक कभी-कभी बाजार में हल्के उतार-चढ़ाव को देखकर गलती से मान लेते हैं कि Option ATM है, जबकि वास्तव में वह ITM या OTM हो सकता है।
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3. OTM (Out-of-the-money):
OTM Option वह होता है जिसका Strike Price मार्केट प्राइस से कम फायदेमंद होता है। इसमें Intrinsic value नहीं होती और यह अक्सर निरर्थक हो सकता है. OTM Option की कीमतें ITM या ATM Option की तुलना में कम होती हैं क्योंकि इनमें कोई Intrinsic value नहीं होती .
Example: यदि XYZ कंपनी का शेयर ₹500 पर कारोबार कर रहा है और आपने ₹520 का Strike price वाला Call Options खरीदा है, तो वह OTM Premium कहलाएगा क्योंकि बाजार मूल्य स्ट्राइक मूल्य से कम है।
Common Mistakes : निवेशक अक्सर OTM को उनके कम Premium के कारण अधिक आकर्षक मान लेते हैं, लेकिन वे यह नहीं समझते कि OTM विकल्पों के Intrinsic value नहीं होते और इनकी Expiry के समय 0 हो जाने की संभावना अधिक होती है।
- कॉल ऑप्शन के लिए OTM: जब स्ट्राइक प्राइस मौजूदा मार्केट प्राइस से अधिक होता है .
- पुट ऑप्शन के लिए OTM: जब स्ट्राइक प्राइस मौजूदा मार्केट प्राइस से कम होता है .
- OTM ऑप्शन्स में इंट्रिंसिक वैल्यू नहीं होती और इनके प्रीमियम कम होते हैं .
- OTM ऑप्शन्स कम रिस्की होते हैं लेकिन इनका प्रॉफिट बनने का चांस भी कम होता है .
ऑप्शन्स ट्रेडिंग पर प्रभाव
- ITM ऑप्शन्स में उच्च जोखिम और उच्च रिटर्न होता है क्योंकि इनमें इंट्रिंसिक वैल्यू होती है और ये तुरंत प्रयोग किए जा सकते हैं .
- ATM ऑप्शन्स में केवल टाइम वैल्यू होती है और ये तटस्थ स्थिति में होते हैं, जहां अंडरलाइंग एसेट के मूल्य में थोड़ी भी चाल से ये ITM या OTM में परिवर्तित हो सकते हैं.
- OTM ऑप्शन्स कम लागत पर उच्च लाभ की संभावना प्रदान करते हैं लेकिन इनमें निरर्थक समाप्त होने की संभावना अधिक होती है.
उपयोग और रणनीति
- ITM ऑप्शन्स: हेजिंग या आंशिक हेजिंग के लिए उपयोगी होते हैं और इनमें समय मूल्य के साथ-साथ इंट्रिंसिक वैल्यू भी होती है .
- ATM ऑप्शन्स: इनका उपयोग उन ट्रेडर्स द्वारा किया जाता है जो मार्केट मूवमेंट की संभावना को देखते हुए रिस्क लेना चाहते हैं .
- OTM ऑप्शन्स: कवर्ड कॉल्स या प्रोटेक्टिव पुट्स जैसी रणनीतियों के लिए आमतौर पर ट्रेड किए जाते हैं .
- OTM ऑप्शन्स उन ट्रेडर्स के लिए अधिक आकर्षक होते हैं जिनके पास कम पूंजी होती है और जो बड़े मार्केट मूव की उम्मीद करते हैं .
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Conclusion-
ATM, ITM, और OTM की सही पहचान करना और उनके अंतर को समझना Options ट्रेडिंग में सफलता की कुंजी है। Traders को इन तीनों श्रेणियों के विकल्पों के गुण-दोषों को समझना चाहिए और अपने निवेश के उद्देश्यों के अनुसार उचित Option चुनना चाहिए। अधिक से अधिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव से, निवेशक इन Options की पहचान में गलतियों को कम कर सकते हैं और अपने निवेश को अधिक कुशलता से प्रबंधित कर सकते हैं।
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