Risk Management Strategies | IN HINDI

Stock market में trade करके profits तो कमाया जा सकता है पर हम यह चीज़ ignore नहीं कर सकते कि market में loss होने के chances भी उतने ही होते हैं जितने profits करने के chances होते हैं। पर यह जो risk management का topic है न, वह market में सबसे ज्यादा important होता है और सबसे ज्यादा ignore भी इसे ही किया जाता है।

मैं हमेशा कहता हूं कि risk management पर ध्यान दीजिए क्योंकि अगर आपके पास capital है तो ही आप market से profit earn कर पाएंगे। अगर आपके पास capital ही नहीं है तो आप market में कैसे trade करेंगे, बताइए? और capital को अच्छे से utilize करने के लिए आपके पास एक अच्छा risk management होना जरूरी है।

START LEARNING STOCK MARKET FROM SCRATCH (CLICK HERE)

तो आखिर यह risk management होता क्या है और क्यों मैं इस topic को इतना important कहता हूं, यह सारी चीजें आपको इस blog post में समझ जाएंगी।

OPEN YOUR FREE DEMAT ACCOUNT TODAY!! (CLICK HERE)

What is Risk Managment in Hindi

शेयर बाजार में Risk Management ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें विभिन्न strategies और techniques का उपयोग करके नुकसान को कम करना और लाभ को बढ़ाना शामिल है। अगर सरल शब्दों में कहें तो Risk Management का मतलब है कि आप ऐसी techniques अपनाएं जिससे आपका capital सुरक्षित रहे। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कभी loss नहीं होगा, बल्कि इसका मतलब यह है कि अगर loss हो भी, तो वह इतना कम हो कि आपको कोई major असर न पड़े और आपकी trading journey जारी रहे।

Risk Management Strategies

1. Stop Losses

स्टॉप लॉस शेयर बाजार में एक उपकरण है जिसका उपयोग निवेशक अपने नुकसान को सीमित करने के लिए करते हैं। यह एक order है जो आप अपने broker  को देते हैं ताकि अगर आपके द्वारा खरीदी गई stock की कीमत एक निश्चित स्तर से नीचे चली जाए, तो वह stock अपने आप बेच दिया जाए। यह risk management की क महत्वपूर्ण strategy है।

Risk Management

उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने एक stock 100 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदा है और आप नहीं चाहते कि आपका नुकसान 10 रुपये प्रति शेयर से ज्यादा हो। तो आप 90 रुपये पर एक स्टॉप लॉस order सेट कर सकते हैं। यदि stock की कीमत 90 रुपये या उससे नीचे चली जाती है, तो वह stock अपने आप बेच दिया जाएगा। इस तरह, अगर stock की कीमत बहुत ज्यादा गिरती है, तो आपका नुकसान एक सीमा तक ही सीमित रहेगा और आपका investment सुरक्षित रहेगा। स्टॉप लॉस सेट करने से आप एक स्पष्ट exit strategy बना लेते हैं, जिससे संभावित नुकसान को सीमित करने और अपने investment को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।

और अगर आप एक intraday trader हैं, तो आपको कभी भी बड़ा स्टॉप लॉस नहीं लगाना चाहिए। एक intraday trader का स्टॉप लॉस आपके capital का 5% जितना ही होना चाहिए। इस तरह आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं और अपनी trading journey को सुरक्षित रख सकते हैं।

2. Diversification

Diversification एक निवेश रणनीति (investment strategy) है जिसका उद्देश्य Risk को कम करना होता है। इसमें आप अपने पैसे को विभिन्न प्रकार के Investments में बांटते हैं, ताकि अगर एक इन्वेस्टमेंट में नुकसान हो तो बाकी इन्वेस्टमेंट्स उसकी भरपाई कर सकें।

डाइवर्सिफिकेशन का मतलब है कि “अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में न रखें”। यानी, अपने सभी पैसे को एक ही प्रकार के Investment में न लगाएं।

उदाहरण:

मान लीजिए आपके पास 1,00,000 रुपये हैं और आप इसे invest करना चाहते हैं। अगर आप सारा पैसा सिर्फ एक कंपनी के stocks में लगा देते हैं, तो अगर उस कंपनी को नुकसान होता है, तो आपका पूरा investment खतरे में पड़ सकता है।

लेकिन अगर आप अपने 1,00,000 रुपये को कई जगह जैसे कि stock market, म्यूचुअल फंड्स (mutual funds), बॉन्ड्स (bonds), गोल्ड (gold) और रियल एस्टेट (real estate) में बांट देते हैं, तो किसी एक इन्वेस्टमेंट (investment) में नुकसान होने पर बाकी इन्वेस्टमेंट्स (investments) आपको फायदा पहुंचा सकते हैं और आपका कुल नुकसान कम होगा।

Diversification की मदद से आप इन्वेस्टमेंट investment के रिस्क risk को बांटते हैं और अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो (investment portfolio) को अधिक स्थिर और सुरक्षित बनाते हैं।

Also Read: Roadmap for Beginner Traders|IN HINDI

3. Position Sizing

बाजारी हालात और आपके ट्रेडिंग लक्ष्यों के आधार पर अपनी positions का आकार adjust करना एक और महत्वपूर्ण risk management technique है।

प्रत्येक trade का Positions ध्यान से manage करके, ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप एक intraday trader हैं और आपके पास एक छोटा capital है, तो आप यह सोचकर market में आए हैं कि आप ज्यादा quantity या ज्यादा lots से trade करके अपनी capital को दोगुना कर देंगे और ऐसा हो भी सकता है, पर उस समय अगर आपको loss हुआ तो वह भी बड़ा loss होगा।

इसलिए अगर position sizing को सरल शब्दों में समझाऊं तो इसका मतलब होता है कि trade करते समय उतनी ही quantity से trade कीजिए, जिसमें loss होने पर भी आपकी capital पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

4. Risk Parameters

Risk parameters का सरल सा अर्थ यह है कि मान लीजिए आपके पास 100000 का capital है trade करने के लिए तो आप यह rule बना लीजिए कि आप दिन में सिर्फ अपने capital के 5% का risk लेंगे जो होता है 5000 rs. तो अगर आपका एक दिन 5000 का loss हो जाता है तो आप उस दिन के लिए trading बंद कर दीजिए।

इससे आपका risk management भी काफी अच्छा होगा और आपका एक अच्छा trading discipline और psychology भी develop होगा। तो इस strategy में आप अपना loss limit कर देते हैं और आपके capital को भी खतरा नहीं रहता और जैसा मैं हमेशा कहता हूं, तब तक आपके पास capital है तब तक आपके पास market में profits earn करने के chances हैं। तो capital बचाने के लिए risk management काफी जरूरी है।

5. Journaling and Analysis

जर्नलिंग का सरल अर्थ है कि हर दिन के trades लेने के बाद आपको उन्हें लिखना है कि आपने उस दिन के अच्छे trades लिए, आपने क्या गलतियां की, और इससे आपको यह पता चला कि आप अपनी trading को कैसे सुधार सकते हैं। एक विस्तृत trading journal बनाए रखना और नियमित रूप से पिछले trades का analysis करना मूल्यवान insights प्रदान कर सकता है।

Patterns और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करके, आप समय के साथ अपनी risk management strategies को refine कर सकते हैं। यह अभ्यास न केवल आपको पिछली गलतियों से सीखने में मदद करता है बल्कि trading behavior को भी मजबूत करता है।

OPEN YOUR FREE DEMAT ACCOUNT TODAY!! (CLICK HERE)

Conclusion

तो इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने आपको Risk Management क्या होता है वो बताया और आप अपना Risk Management कैसे अच्छा कर सकते हैं और आपने Capital को Save करके ट्रेड कैसे कर सकते हैं उसके बारे में बताया, trading में आप हमेशा इस बात को याद रखना जो कि “Minimize your Losses,” इसका सरल सा अर्थ है कि आप अपना Profit बढ़ाने का मत सोचिए, आप अपने Loss को छोटा करने का सोचिए। यदि आप ट्रेड कर रहे हैं तो आपको एक अच्छा Trade मिलता है, पर उसमें आपको Stoploss बहुत बड़ा मिल रहा है, तो उस ट्रेड को छोड़ दीजिए क्योंकि अगर वह ट्रेड आपके खिलाफ चला जाता है तो आपका बड़ा नुकसान हो जाएगा। Market में और ट्रेड मिलेंगे आपको जो अच्छे होंगे और उनमें आपको छोटा Stoploss मिलेगा, तो उसका wait कीजिए और रिस्क मैनेजमेंट को हमेशा आपने दिमाग में रखिए।

Also Read: Trading Mistakes Of a Beginner

FAQ

रिस्क मैनेजमेंट कैसे करें?

रिस्क को पहचानना
रिस्क का ऑब्जरवेशन करना
पहचाने हुए रिस्क से निपटने के लिए बेहतरीन तरीकों का चयन
रिस्क मैनेजमेंट मेथड को लागू करना
प्रोग्राम का लगातार ओवरव्यू और ऑपरेशन करना

ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट क्या है?

शेयर बाजार में Risk Management ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें विभिन्न strategies और techniques का उपयोग करके नुकसान को कम करना और लाभ को बढ़ाना शामिल है। अगर सरल शब्दों में कहें तो Risk Management का मतलब है कि आप ऐसी techniques अपनाएं जिससे आपका capital सुरक्षित रहे। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कभी loss नहीं होगा, बल्कि इसका मतलब यह है कि अगर loss हो भी, तो वह इतना कम हो कि आपको कोई major असर न पड़े और आपकी trading journey जारी रहे।

शेयर बाजार में रिस्क कैसे मैनेज करें?

समय क्षय के परिणामस्वरूप ऑप्शन खरीदारों को नुकसान होता है और ऑप्शन विक्रेताओं को इससे लाभ होता है। इसलिए, जब आप एक साथ ऑप्शन खरीदते और बेचते हैं, तो खरीदे गए ऑप्शन की स्थिति में आपके द्वारा खोया गया समय मूल्य शॉर्ट ऑप्शन की स्थिति में समय मूल्य में लाभ से ऑफसेट हो जाएगा। इस तरह, आपके नुकसान को कम किया जा सकता है।

I’m Sagar Naik, the content creator behind a dynamic trading channel, Wealth Secret Official, which aspires to reshape the landscape of investment education on YouTube. I have 4 years experience in Stock Market.

Sharing Is Caring:

1 thought on “Risk Management Strategies | IN HINDI”

Leave a Comment