Option Chain Explained in Detail | IN HINDI

दोस्तों, आप जानते हैं कि आजकल options trading बहुत trend में है और लगभग 95% लोगों ने अपने trading career में options में कभी न कभी trade किया होगा। Options trading में सफलता पाने के लिए आपको option chain और इसके सभी concepts को समझना बहुत जरूरी होता है। Is blog post में मैंने option chain के बारे में detail में discuss किया है, इसलिए इसे end तक ज़रूर पढ़ें।

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Types of Options

2 तरीकों के ऑप्शन्स होते हैं, एक होता है Call Option (CE) और एक होता है Put Option (PE)।

अगर आप एक ऑप्शन खरीदने वाले हैं तो अगर आपको लगता है कि मार्केट ऊपर जाएगा तब आप Call Option खरीदते हैं और अगर आपको लगता है कि मार्केट नीचे जाएगा तो आप Put Option खरीदते हैं।

और यदि आप एक ऑप्शन बेचने वाले हैं तो अगर आपको लगता है कि मार्केट नीचे जाएगा तब आप Call Option बेचते हैं और अगर आपको लगता है कि मार्केट ऊपर जाएगा तब आप Put Option बेच देते हैं।

ये सारी बेसिक चीजें हैं Options Trading की, तो मैं इन्हें इस ब्लॉग पोस्ट में डिटेल में डिस्कस नहीं कर रहा हूँ। अगर आपको ये बेसिक चीजें भी नहीं पता हैं तो मैंने Options Trading के बारे में एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है, आप उसे जरूर पढ़ें। नीचे उस ब्लॉग का लिंक दिया है।

Read this: ऑप्शन्स ट्रेडिंग क्या होती है?|OPTIONS TRADING IN HINDI|

Option Chain के Left side सारे Call Options रहते हैं और Right तरफ सारे Put Options रहते हैं।

OI (OPEN INTEREST)

Open interest का मतलब यह होता है कि उस particular strike price पर कितनी positions अभी open हैं, जो close नहीं हुई हैं। इसलिए आप भी देखते होंगे कि short covering/long unwinding के समय पर हम OI देखते हैं। तो जब भी market किसी particular strike price, जहां पर OI काफी ज्यादा है, उस level को break करता है, तो हम बड़ा move देखते हैं। क्यों? इसलिए कि जो उस strike price पर open positions थीं, वे सब अब exit कर रहे हैं या अपनी position को close कर रहे हैं।

तो अगर आपको Option chain के Call side में ज्यादा OI दिख रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि हो सकता है market थोड़ा bearish move करे। या तो अगर आपको Put side में ज्यादा OI दिखे, तो इसका मतलब यह है कि market bullish हो सकता है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि OI देखकर आप market के direction का पता नहीं लगा सकते। OI सिर्फ आपको information देता है कि market में Option Sellers का view क्या है।

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OI सिर्फ current day का नहीं होता है, यह total जितनी भी positions outstanding हैं, केवल उन्हें बताता है। और अगर आपको current day पर होने वाले changes को समझना है, तो आपको change in OI की मदद लेनी पड़ेगी, जिसे नीचे मैंने अच्छे से explain किया है।

Change in OI

जैसे आपको नाम से ही समझ में आता होगा कि OI में क्या परिवर्तन हो रहा है, यह current day पर change in OI की मदद से पता चलता है। यह change in OI positive भी हो सकता है और negative मतलब (-) में भी दिख सकता है। अगर positive में दिखता है, तो इसका मतलब होता है कि लोगों का interest और बढ़ रहा है उस strike price पर और वे अपनी new positions बना रहे हैं। और अगर negative में दिखता है, तो इसका मतलब यह है कि लोग अपनी position exit कर रहे हैं उस strike price से।

ध्यान दीजिएगा कि change in OI सिर्फ current day पर होने वाले परिवर्तनों को बताता है।

Volume

Volume का मतलब होता है कि किसी खास strike price पर पूरे दिन में कितने contracts trade हो रहे हैं। आसान शब्दों में, volume से हमें यह पता चलता है कि लोग कितना trade कर रहे हैं।

उदाहरण के रूप में:
आपने 1 contract खरीदा।
किसी और ने 1 contract बेचा।
इस स्थिति में, volume 2 हो जाएगा। मतलब, एक दिन में दो लोगों ने मिलकर दो trades किए हैं। इस तरह, volume से यह समझ आता है कि उस strike price पर market में कितना trading हो रहा है।

यहाँ कुछ और उदाहरण दिए गए हैं ताकि volume का मतलब और अच्छे से समझा जा सके:


Example 1:
सुबह के समय, राम ने 3 contracts खरीदे।
उसी समय, श्याम ने 3 contracts बेचे।
इस स्थिति में, volume 6 हो जाएगा (3 खरीद + 3 बिक्री = 6)।

Example 2:
दोपहर में, गीता ने 5 contracts खरीदे।
और सोहन ने 5 contracts बेचे।
इस स्थिति में, volume 10 हो जाएगा (5 खरीद + 5 बिक्री = 10)।

इस तरह, volume से यह समझ में आता है कि किसी खास strike price पर कितनी बार और कितने contracts का trade हो रहा है। इससे market की trading activity का पता चलता है।

IV (IMPLIED VOLATILITY)

जैसे India VIX Nifty की पूरी market volatility को दर्शाता है, वैसे ही IV किसी विशेष option के लिए भविष्य में होने वाले उतार-चढ़ाव की उम्मीद को दर्शाता है।

IV यह नहीं बताता कि कोई strike price कितने प्रतिशत ऊपर या नीचे जा सकता है, बल्कि यह बताता है कि उस option की कीमत में कितनी volatility हो सकती है।

IV का मतलब: IV को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है, लेकिन इसका सीधा मतलब यह नहीं होता कि stock की कीमत उस प्रतिशत तक ऊपर या नीचे जाएगी। इसका मतलब होता है कि market उस option में कितनी volatility की उम्मीद कर रहा है।

Example:

मान लीजिए आपने एक particular strike price का call option खरीदा और उसका IV 11% है। इसका मतलब यह नहीं है कि stock की कीमत 11% ऊपर या 11% नीचे जाएगी। इसका मतलब है कि market उम्मीद कर रहा है कि उस option की कीमत में 11% की annualized volatility हो सकती है।

LTP (Last Traded Price)

इसका सरल सा मतलब है कि उस strike price की premium का क्या भाव (price) चल रहा है। यह वही price है जो आप pay करके lot buy करते हैं और इसी price के ऊपर या नीचे जाने पर आपका profit या loss होता है।

Change

Change का मतलब यह होता है कि Last Traded Price (LTP) में पिछले दिन से कितना change हुआ है। अगर change negative है तो इसका मतलब है कि उस strike price की premium पिछले दिन अधिक थी और आज कम हो गई है। और अगर change positive है तो इसका मतलब है कि उस strike price की premium कल कम थी और आज ज्यादा हो गई है।

यह change वाला section इतना काम में नहीं आता, आप चाहें तो इसे Ignore कर सकते हैं।

Bid and Bid Quantity

  1. Bid:
    • Bid वह कीमत है जो एक buyer (खरीदने वाला) किसी option को खरीदने के लिए तैयार है।
    • यह वह सबसे ऊँची कीमत होती है जो खरीदार किसी option के लिए देने को तैयार होता है।
  2. Bid Quantity:
    • Bid Quantity वह मात्रा (number of contracts) है जिसे खरीदार Bid price पर खरीदना चाहता है।
    • उदाहरण: अगर Bid Price ₹50 है और Bid Quantity 100 है, तो इसका मतलब है कि खरीदार 100 contracts ₹50 प्रति contract की दर से खरीदना चाहता है।

Bid और Bid Quantity का उदाहरण:

यहाँ पर आप एक विशेष stock के लिए options chain देख रहे हैं:

  • Strike Price (मूल्य): ₹150
  • माह (Expiry Date): अगले महीने

Options chain में आपको निम्नलिखित मिलता है:

  • Bid Price (कीमत): ₹8.50
  • Bid Quantity (मात्रा): 20 contracts

इसका मतलब है:

  • Bid Price (₹8.50): एक खरीदार इस विशेष option को खरीदने के लिए प्रति contract ₹8.50 देने को तैयार है।
  • Bid Quantity (20 contracts): ₹8.50 प्रति contract पर 20 contracts खरीदने को इच्छुक खरीदार हैं।
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Ask and Ask Quantity

Ask:

  • Ask वह कीमत है जो एक seller (बेचने वाला) किसी option को बेचने के लिए तैयार है।
  • यह वह सबसे कम कीमत होती है जो विक्रेता किसी option के लिए लेने को तैयार होता है।

Ask Quantity:

  • Ask Quantity वह मात्रा (number of contracts) है जिसे विक्रेता Ask price पर बेचना चाहता है।
  • उदाहरण: अगर Ask Price ₹55 है और Ask Quantity 100 है, तो इसका मतलब है कि विक्रेता 100 contracts ₹55 प्रति contract की दर से बेचना चाहता है।

Ask और Ask Quantity का उदाहरण:

वहीं यहाँ पर आपको वहीं options chain में दिखता है:

  • Ask Price (कीमत): ₹9.00
  • Ask Quantity (मात्रा): 15 contracts

इसका मतलब है:

  • Ask Price (₹9.00): एक विक्रेता इस विशेष option को ₹9.00 प्रति contract पर बेचने के लिए तैयार है।
  • Ask Quantity (15 contracts): ₹9.00 प्रति contract पर 15 contracts बेचने के इच्छुक विक्रेता हैं।

यह Bid और Ask Quantity का डेटा बहुत fast बदलता है और option chain में एक समय पर only एक ही डेटा दिख सकता है, इसलिए ये चीजें लास्ट traded price (LTP) की तरह बहुत quickly change होती हैं। और ये trading के लिए इतनी important नहीं होतीं, अगर आप इन्हें ignore कर दें तो भी ठीक है।

Strike Price

हमने पहले से ही स्ट्राइक प्राइस के बारे में एक detailed blog post लिखी है। आप उस blog post को पढ़ें, और स्ट्राइक प्राइस से संबंधित सभी questions के उत्तर मिल जाएंगे।

Read this: ऑप्शन ट्रेडिंग में ITM, ATM, और OTM का अर्थ (What is ITM,ATM,OTM in Hindi)

Conclusion

मुझे आशा है कि आपको यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा। देखिए, मैंने आपको ऑप्शन चेन के अंदर जितने भी concepts हैं, उन सभी को विस्तार से समझा दिया है। और मैं बताना चाहता हूँ कि इनमें से कई concepts हैं जो हमारे काम में नहीं आते ज्यादा, जैसे कि Change, Ask और Ask Quantity, Bid और Bid Quantity।

हमारे लिए OI, Change in OI ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं और आप इन्हें अपने विश्लेषण में उपयोग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आप सिर्फ OI पर ही निर्भर करके ट्रेड नहीं कर सकते; आपको इसके साथ price action भी देखना होगा। तभी आपका विश्लेषण अधिक सटीक होगा।

I’m Sagar Naik, the content creator behind a dynamic trading channel, Wealth Secret Official, which aspires to reshape the landscape of investment education on YouTube. I have 4 years experience in Stock Market.

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