BEST INDICATORS IN STOCK MARKET| IN HINDI

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के बारे में चर्चा की थी, जो यह ब्लॉग पोस्ट में हम Best Indicators in Stock Market के बारे में डिस्कस करने वाले हैं।

जैसे नाम से ही समझता है “INDICATORS” मतलब इंडिकेटर्स कुछ टूल्स जैसे होते हैं जो ट्रेडर्स को मार्केट के दिशा और मार्केट के Behaviour के बारे में संकेत करते हैं, सरल शब्दों में कहें तो इंडिकेटर्स ट्रेडर्स को Buy और Sell का निर्णय लेने में मदद करते हैं।

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एक चीज और कि मार्केट में खाये सारे बहुत Confusing Indicators होते हैं वो मैं आपसे यही कहूंगा कि अगर आप कोई इंडिकेटर उपयोग कर रहे हैं तो वो एक Simple Indicator होना चाहिए, और आप उसी एक इंडिकेटर पर आपनी Strategy मास्टर कीजिये।

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TOP 4 INDICATORS IN STOCK MARKET

1] Pivot Points

Pivot Points इंडिकेटर ट्रेडिंग में एक प्रसिद्ध Technical Analysis tool है, विशेष रूप से शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट में। यह Technical Analysisके प्रमुख उपकरणों में से एक है और बाजार में संभावित परिवर्तन स्थलों (TURNING POINTS) को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। हम कह सकते हैं कि Pivot points आपको बाजार में Support और Resistance स्तरों को ड्रा करके देता है।

जब आप Pivot Points लगाते हैं चार्ट पर तो आप देखेंगे कि कई सारी लाइनें आपके चार्ट पर आ जाएंगी जैसे (S1, S2) (Support) उन संभावित क्षेत्रों को दर्शाते हैं जहाँ खरीददारों (Buyers) की रुचि उत्पन्न हो सकती है, जबकि Resistance स्तर (R1, R2) Sellers दबाव बढ़ सकता है।

अगर आपको Support या Resistance ड्रा करने में मुश्किल होती है तो आप Pivot Points इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं और इस इंडिकेटर को लगाते ही आप यह देख पाएंगे कि कीमत जो है वह इंडिकेटर के द्वारा ड्रा की गई लाइनों पर ही से रिजेक्शन और सपोर्ट लेने लगता है, यह खूबसूरती है इस इंडिकेटर की।

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2] Super Trend

Super Trend इंडिकेटर एक पॉपुलर Technical Analysis उपकरण है जिसका उपयोग ट्रेडर्स विभिन्न बाजारों में Trend की दिशा की पहचान के लिए करते हैं।

यह इंडिकेटर मूविंग एवरेजेस और वोलेटिलिटी पर आधारित है। इसे मूल रूप से एक रेखा के रूप में प्रदर्शित किया जाता है जो मूल्य चार्ट पर होती है और वर्तमान Trendकी दिशा को दर्शाती है – या तो ऊपरी (UP TREND) या नीचे(DOWNTREND)

Traders इसे पोजीशनों में Entry या Exit के लिए उपयोग करते हैं, जब Price सुपर ट्रेंड रेखा के ऊपर चलता है तो यह एक खरीददारी संकेत माना जाता है और जब मूल्य सुपर ट्रेंड रेखा के नीचे चलता है तो यह एक बेचने का संकेत माना जाता है। यह विभिन्न वित्तीय बाजारों में विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है

Super Trend एक सरल तरीके से Trend analysis करता है और Traders को बताता है कि बाजार का वर्तमान स्थिति में कौनसा ट्रेंड चल रहा है। जब ट्रेडर्स बाजार में ट्रेड करते हैं, तो उन्हें Trend की दिशा में ही ट्रेड करना होता है। सुपर ट्रेंड उन्हें इस दिशा को बताकर मदद करता है, जिससे उनकी Trading Strategy को सही दिशा मिल सके। इसलिए, यह इंडिकेटर ट्रेडर्स के लिए Technical Analysis में बहुत महत्वपूर्ण होता है।

3] RSI (RELATIVE STRENGTH INDEX) 

RSI इंडिकेटर (Relative Strength Index) एक Technical Indicator है जो बाजार में किसी Share या Commodity की Price की मजबूती और कमजोरी को मापता है। यह एक पॉपुलर Indicator है जिसका उपयोग ट्रेडर्स करते हैं ताकि वे मूल्यों के अनुसार खरीदारी और बिक्री का निर्णय ले सकें। 

RSI इंडिकेटर एक Line Chart के रूप में दिखाई जाता है, जो 0 से 100 के बीच की होती है। इस इंडिकेटर में दो खास सीमाएं होती हैं – 70 और 30।

जब RSI 70 से अधिक होता है, तो यह “Over Bought” कहलाता है। इसका मतलब है कि शेयर या मुद्रा की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ गई है और अब शेयर की कीमत गिर सकती है।

जब RSI 30 से कम होता है, तो यह “ओवरसोल्ड” कहलाता है। इसका मतलब है कि शेयर या मुद्रा की कीमत बहुत ज्यादा गिर गई है और अब शेयर की कीमत ऊपर जा सकती है।

Example-1] मान लें कि हम एक शेयर कंपनी ABC का RSI देख रहे हैं। वर्तमान में ABC कंपनी का RSI 75 है। इसका मतलब है कि ABC कंपनी की कीमतों में एक तेज उछाल हुआ है और यह “ओवरबॉट” हो सकता है। ट्रेडर्स इस संकेत के आधार पर सोच सकते हैं कि कीमतों में अब शायद कमी आ सकती है और वे शेयर को बेच लेना या निर्धारित समय तक प्रतीक्षा करना चाहें।

Example-2] चलिए मान लें कि हम फिर से ABC कंपनी की बात कर रहे हैं। इस बार ABC कंपनी का RSI 25 है। इसका मतलब है कि ABC कंपनी की कीमतों में एक तेज गिरावट हुई है और यह “ओवरसोल्ड” हो सकता है। ट्रेडर्स इस संकेत के आधार पर सोच सकते हैं कि कीमतों में अब उचित हो सकती है और वे शेयर को खरीद सकते हैं, क्योंकि यह अधिक सस्ता हो सकता है और उन्हें अधिक लाभ दिला सकता है।

Also Read: प्राइस एक्शन ट्रेडिंग| What is Price Action Trading in Hindi ??

4] EMA

सोचिए आप और आपके दोस्त बाइक सवार हैं और आप यह जानना चाहते हैं कि आप ऊपर या नीचे जा रहे हैं। EMA एक खास टूल है जो आपको समझने में मदद करता है कि सड़क की सामान्य दिशा क्या है।

जब EMA उपर की ओर इशारा करता है, तो इसका मतलब है कि आप शायद ऊपर की ओर जा रहे हैं, जिसका अर्थ है कि बाजार की कीमतें सामान्य रूप से बढ़ रही हैं। और जब यह नीचे की ओर इशारा करता है, तो यह नीचे की ओर जाने की संकेत देता है, जैसे कि बाजार की कीमतें सामान्य रूप से घट रही हैं।

यह इंडिकेटर मार्केट के Movement को समझने में मदद करता है क्योंकि यह पिछले समय की Price और Candles का औसत (Average)  होता है। जिससे आपको पता चलता है कि बाजार किस दिशा में जा रहा है और आप बेहतर निवेश के फैसले ले सकते हैं।

EMA एक लाइन के रूप में चार्ट पर दिखाई देता है। 

अब, EMA के साथ ट्रेड करने के लिए, यह देखना महत्वपूर्ण है कि EMA का मार्ग किस दिशा में है। जब EMA ऊपर की ओर जा रहा हो, तो यह Bullish (उच्च मुद्रा) संकेत देता है और यह मौका हो सकता है कि आप खरीदें। जब EMA नीचे की ओर जा रहा हो, तो यह Bearish (निम्न मुद्रा) संकेत देता है और यह सुझाव देता है कि आप बेचें।

एक और महत्वपूर्ण बात है कि EMA केवल Trending Market में ही प्रभावी होता है। जब बाजार में ट्रेंड बना होता है, तो EMA एक (support) के रूप में काम करता है। यानी जब शेयर की कीमत EMA रेखा के पास आती है, तो वहाँ से शेयर की कीमत फिर से ऊपर की ओर बढ़ सकती है। इसलिए, ट्रेडर्स इसे समर्थन के रूप में उपयोग करके शेयर को खरीद सकते हैं।

हालांकि, एमए को साइडवेज बाजार में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। साइडवेज बाजार में, जब कीमतें किसी निश्चित सीमा के बीच उतार-चढ़ाव करती हैं, तो एमए का उपयोग करना मुश्किल हो जाता है

Conclusion

महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर कभी आप किसी इंडिकेटर का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं तो आपको यह देखना ज़रूरी है कि वह एक लगेगिंग इंडिकेटर तो नहीं है। इसका मतलब यह होता है कि मार्केट में मूवमेंट्स आने के बाद वह इंडिकेटर काम करना शुरू करता है। अगर आपको लगता है कि आप जो इंडिकेटर उपयोग कर रहे हैं वह एक लगेगिंग इंडिकेटर है, तो आप उससे उपयोग करना बंद कर दें।

पर ध्यान देने वाली बात यह है कि “इंडिकेटर्स” कभी 100% सही नहीं होते, ये सिर्फ एक प्रायोगिक सिग्नल देते हैं। और हाँ, मार्केट में कभी भी कोई 100% सही नहीं हो सकता, यह मार्केट सिर्फ एक प्रायोगिकता का खेल है। इससे हमें यह समझना चाहिए कि इंडिकेटर्स उपयोग करने का मतलब नहीं होगा कि हमेशा प्रॉफिट ही होगा, लॉस के भी चांसेस होते हैं।

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FAQ

कौन सा इंडिकेटर खरीदना और बेचना दिखाता है?

RSI एक मोमेंटम इंडिकेटर है; यह आपको स्टॉक के अधिक खरीदे गए और अधिक बिकने वाले क्षेत्र को दिखाता है। मूविंग एवरेज और आरएसआई दोनों को मिलाने से आपको सिंगल इंडिकेटर का उपयोग करने पर अतिरिक्त बढ़त या दोहरी पुष्टि मिलेगी।

प्राइस एक्शन के लिए कौन सा इंडिकेटर सबसे अच्छा है?

सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्राइस एक्शन इंडिकेटर प्राइस बार या कैंडलस्टिक्स का अध्ययन है जो किसी बाज़ार के खुलने और बंद होने के मूल्य और किसी खास समय अवधि के दौरान उसके उच्च और निम्न मूल्य स्तरों जैसे विवरण देता है। इस जानकारी का विश्लेषण करना प्राइस एक्शन ट्रेडिंग का मूल है।

स्टॉक खरीदते समय कौन से इंडिकेटर देखने चाहिए?

इन इंडिकेटर में मूविंग एवरेज, आरएसआई, स्टोचैस्टिक ऑसिलेटर, वॉल्यूम इंडिकेटर और बोलिंगर बैंड जैसे अस्थिरता इंडिकेटर शामिल हैं. मूविंग एवरेज ट्रेंड की पहचान करने, ऑसिलेटर मापने में मदद करते हैं, वॉल्यूम इंडिकेटर मार्केट लिक्विडिटी और अस्थिरता इंडिकेटर संभावित ब्रेकआउट अवसरों को दर्शाते हैं.

I’m Sagar Naik, the content creator behind a dynamic trading channel, Wealth Secret Official, which aspires to reshape the landscape of investment education on YouTube. I have 4 years experience in Stock Market.

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