Elliott Wave Theory in Hindi

Elliott Wave Theory एक ऐसी theory है, जो यह बताती है कि market की prices waves (तरंगों) में move करती हैं। मतलब, market कभी भी सीधे ऊपर या नीचे नहीं जाता, बल्कि ऊपर-नीचे की लहरों में चलता है। इस theory को Ralph Nelson Elliott ने 1930s में develop किया था। उन्होंने notice किया कि market एक particular pattern या cycle में चलता है, जिसे हम waves कहते हैं। आइए इसे detail में और आसान भाषा में समझते हैं।


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Ralph Nelson Elliott कौन थे?

Ralph Nelson Elliott एक accountant थे। उन्होंने stock markets की movements को deeply study किया और पाया कि prices किसी random तरीके से नहीं, बल्कि waves में move करती हैं। उन्होंने अपने observation से Elliott Wave Theory बनाई, जो आज traders के लिए एक powerful tool बन चुकी है।

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Elliott Wave Theory क्या कहती है?

Elliott Wave Theory का कहना है कि market की price movements हमेशा कुछ specific patterns में होती हैं। ये patterns दो तरह की waves से मिलकर बने होते हैं:

  1. Motive Waves (Impulse Waves)
  2. Corrective Waves

आइए दोनों waves को detail में समझते हैं।


1. Motive Waves (Impulse Waves)

Motive waves market की main trend के direction में move करती हैं। यह 5 waves का structure होता है। इनमें से 3 waves main trend में होती हैं (जिन्हें impulse waves कहते हैं) और 2 waves retracement दिखाती हैं (जिन्हें corrective waves कहते हैं)।

Impulse Waves का Structure:

  • Wave 1: Price शुरू में एक छोटा upward move करता है। इस समय ज्यादातर लोग market में cautious रहते हैं।
  • Wave 2: यहां price थोड़ा retrace करता है। इसका मतलब है कि जो लोग पहले buy कर चुके थे, वो थोड़े profit-taking के लिए sell कर सकते हैं, जिससे price थोड़ा नीचे आता है।
  • Wave 3: यह सबसे बड़ी और longest wave होती है। यहां market को ज्यादा traders notice करते हैं और बड़े पैमाने पर buying शुरू होती है, जिससे price तेज़ी से ऊपर जाता है।
  • Wave 4: अब price फिर से थोड़ा retrace करता है क्योंकि कुछ traders profit-booking करने लगते हैं। हालांकि ये retracement ज़्यादा बड़ा नहीं होता।
  • Wave 5: अब market में लोग इतने confident हो जाते हैं कि last push आता है, और price trend की आखिरी wave में एक final move करता है।

Summary of Motive Waves:

  • 5 wave pattern में 3 waves uptrend (या downtrend) के साथ चलती हैं।
  • बीच-बीच में 2 retracement waves होती हैं।
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2. Corrective Waves

Corrective waves हमेशा main trend के खिलाफ move करती हैं। ये waves price में temporary pause या retracement दिखाती हैं। Corrective waves का structure 3 waves में होता है और इसे ABC pattern कहते हैं:

  • Wave A: Price थोड़ा नीचे जाता है क्योंकि कुछ लोग profit booking करते हैं।
  • Wave B: Price थोड़ा ऊपर retrace करता है लेकिन ये move weak होता है।
  • Wave C: फिर से price नीचे जाता है और correction complete होता है।

Corrective waves usually छोटे moves होते हैं, और ये हमें बताते हैं कि main trend temporary pause पर है।


Elliott Wave Theory का Cycle

जब हम Elliott Wave Theory की बात करते हैं, तो यह theory हमें बताती है कि market के movements को हम एक बड़ा cycle मान सकते हैं। हर cycle में:

  1. Motive Phase: Main trend में 5 waves होती हैं।
  2. Corrective Phase: Main trend के खिलाफ 3 waves होती हैं।

यह पूरी cycle (5+3 = 8 waves) बार-बार repeat होती है।

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Fibonacci Levels का Role

Elliott Wave Theory के साथ Fibonacci retracement levels का use होता है ताकि ये समझा जा सके कि price कहां तक retrace करेगा। For example:

  • Wave 2 या Wave 4 retracement अक्सर Fibonacci levels (जैसे 38.2%, 50%, या 61.8%) पर होती हैं। ये levels help करते हैं कि आप समझ पाएं कि correction कहां तक जा सकता है।

Elliott Wave Theory का Practical Use

Elliott Wave Theory काफी complex लग सकती है, लेकिन अगर आप इसे अच्छे से समझते हैं, तो यह आपको market की long-term trends और short-term corrections को पहचानने में मदद करती है। Example:

  • Entry Point: जब Wave 2 या Wave 4 का correction हो रहा हो, तब आप buy या sell कर सकते हैं।
  • Exit Point: जब Wave 5 के end में हो, तो आप अपना profit book कर सकते हैं।

Elliott Wave Theory समझने के लिए Tips:

  1. Waves की पहचान करें: सबसे पहले यह सीखें कि market में कौनसी wave चल रही है। क्या यह impulse wave है या corrective wave?
  2. Fibonacci Levels का use करें: Fibonacci retracement levels की मदद से समझें कि retracement कहां तक जा सकता है।
  3. Practice करें: Elliott Wave Theory को समझना practice मांगता है, इसलिए daily charts पर इसे apply करें।

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Conclusion

Elliott Wave Theory market को एक predictable pattern में समझने का एक तरीका है। इसमें prices को waves के रूप में देखा जाता है, जो कि एक cycle में move करती हैं। अगर आप इसे सही तरीके से use करें, तो यह theory आपको सही entry और exit points चुनने में मदद कर सकती है। हालांकि, ये theory थोड़ा complex हो सकती है, लेकिन practice के साथ इसे master किया जा सकता है।

तो आशा करता हूँ कि आपको यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा। इसका भी यही मुख्य उद्देश्य था कि मैं आपको बाजार की गतिविधियों को समझने में एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान कर सकूं। बाजार में कई ऐसी theories हैं जो लोग अभी भी उपयोग करते हैं और ये theories इतनी प्रभावशाली हैं कि बड़े-बड़े संस्थान भी इन्हें मानते हैं। इसलिए इन theories की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है।

इसके पहले मैंने Dow Theory के बारे में भी एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है, जिसे आप एक बार पढ़ सकते हैं। इससे आपको बाजार के बारे में एक अच्छी समझ प्राप्त होगी। इस तरह के महत्वपूर्ण विषयों पर मैं आगे भी ब्लॉग पोस्ट लिखता रहूंगा और आपको बाजार की जानकारी प्रदान करता रहूंगा। धन्यवाद!

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I’m Sagar Naik, the content creator behind a dynamic trading channel, Wealth Secret Official, which aspires to reshape the landscape of investment education on YouTube. I have 4 years experience in Stock Market.

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