दोस्तों, कई बार ऐसा होता है कि आप market में अपने setup का wait कर रहे होते हैं, और जब आपका setup बनता है, तो आप जल्दबाजी में trade कर लेते हैं। इस समय आप कई महत्वपूर्ण points को नजरअंदाज कर देते हैं।
Trade लेने का मतलब सिर्फ Buy या Sell button दबा देना और profit हो जाना नहीं होता। एक trade लेने से पहले आपको कई महत्वपूर्ण points का ध्यान रखना चाहिए। जब सभी points सही तरीके से tick हो जाएं, तभी आपको trade लेना चाहिए।
इस blog post में मैंने कुछ ऐसे points बताए हैं जो आपको किसी भी trade में प्रवेश करने से पहले check करने चाहिए।
START LEARNING STOCK MARKET FROM SCRATCH (CLICK HERE) START LEARNING STOCK MARKET FROM SCRATCH (CLICK HERE)1] Stop Loss (SL)
यह सबसे महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाने वाला point है। बहुत से traders stop loss का इस्तेमाल नहीं करते हैं, और अगर करते भी हैं, तो बहुत बड़े stop loss लगाते हैं।
मान लीजिए, आप nifty का breakout trade कर रहे हैं, तो आपको सबसे पहले यह check करना चाहिए कि इस trade में आपका SL कितना बड़ा बनने वाला है। अगर SL ज्यादा बड़ा बन रहा है, तो आप उस trade को avoid कर सकते हैं या एक pullback का wait कर सकते हैं, क्योंकि तब आपका SL छोटा बनेगा।
लोग अक्सर trade में प्रवेश करने से पहले Take Profit decide कर लेते हैं, लेकिन SL पर ध्यान नहीं देते हैं। मैं चाहता हूँ कि आप यह गलती न करें।
अगर आप trade लेने वाले हैं, तो सबसे पहले आपको एक SL place करने के लिए zone देखना चाहिए, जो आप previous swing के नीचे रख सकते हैं। एक बार जब आपका SL पता चल जाए, तो आपको check करना चाहिए कि उस SL के risk के मुकाबले आपका reward कितना मिलेगा। अगर Risk to Reward Ratio 1:2 का है, तो आप trade में enter कर सकते हैं।
अगर आपको Risk to Reward Ratio क्या होता है, यह नहीं पता, तो मैंने इस topic पर एक dedicated blog post लिखा है, जिसे आपको ज़रूर पढ़ना चाहिए।
Also Read: What is Risk to Reward Ratio| IN HINDI
2] POSITION SIZING
Position sizing का मतलब है कि आप अपने कुल capital में से कितना हिस्सा एक trade में लगाना चाहते हैं। यह वैसे ही है जैसे आप decide करते हैं कि आपके total funds का कितना हिस्सा एक specific trade के लिए use करना है। इसका main उद्देश्य होता है risk को manage करना, ताकि अगर trade आपके हिसाब से नहीं भी गया, तो भी आपको ज्यादा loss न हो। कितना invest करना है, यह आपकी confidence और risk लेने की क्षमता पर निर्भर करता है।
मान लीजिए कि आपके पास 1,00,000 रुपये हैं और आप शेयर बाजार में trading करना चाहते हैं। अब, आपको यह decide करना है कि इस 1,00,000 रुपये में से एक specific trade में कितना पैसा लगाना चाहिए। मान लीजिए, आप decide करते हैं कि आप सिर्फ 10% यानी 10,000 रुपये ही एक trade में लगाएँगे। इस तरह, अगर वो trade आपके खिलाफ जाता है और आपको loss होता है, तो आप सिर्फ 10,000 रुपये तक का ही नुकसान झेलेंगे, ना कि पूरे 1,00,000 रुपये का। यही process position sizing कहलाता है। इससे आप अपने risk को manage कर पाते हैं और अपने capital को protect रखते हैं।
तो यह ध्यान देने वाली बात है कि आप अपने total capital का कितना percentage एक trade में use कर रहे हैं। कई बार मैंने देखा है कि एक व्यक्ति जिसका capital 1,00,000 रुपये का है, वह 50,000 रुपये से trade कर रहा है, यानी अपने capital के 50% amount से। ऐसे समय में होता है कि trade के बीच में भी वह व्यक्ति की psychology disturb रहती है क्योंकि अगर trade में loss हुआ, तो उसका आधा capital wipeout हो जाएगा।
इसलिए मैं हमेशा कहता हूँ कि अपने position sizing पर ध्यान दो। अगर आपकी position sizing सही है, तो आपकी psychology भी सही होगी और आप अच्छे trading decisions ले पाएंगे।
OPEN YOUR FREE DEMAT ACCOUNT TODAY!! (CLICK HERE)3] Overall Market Structure
किसी भी trade में प्रवेश करने से पहले, आपको market के structure की समग्र जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। इसका मतलब है कि आपको समझना चाहिए कि market किस trend में है—उपर जा रहा है (uptrend) या नीचे (downtrend)। साथ ही, आपको यह भी समझना चाहिए कि market किस level से rejection ले सकता है, यानी किस point पर price रुक सकती है या वापस नीचे आ सकती है, और किस level से support मिल सकता है, यानी किस point पर price रुककर वापस ऊपर जा सकती है।
इन सभी चीज़ों को समझने के लिए आपको higher timeframes, जैसे daily या weekly charts, को देखना चाहिए। बड़े timeframes पर market का समग्र structure और महत्वपूर्ण support और resistance levels ज्यादा clear दिखाई देते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि छोटे timeframes, जैसे 5-minute या 15-minute charts पर, लगता है कि price breakout करने वाली है, यानी price किसी important level को तोड़कर आगे बढ़ने वाली है। लेकिन अगर आप बड़े timeframes, जैसे 1-hour या 4-hour charts पर देखें, तो पता चल सकता है कि market एक rejection zone की ओर जा रहा है, जहां से price वापस नीचे आ सकती है।
ऐसे trades में आपको बड़े target (Take Profit) levels मिलने की संभावना कम होती है, क्योंकि market rejection zone में पहुंचकर वापस गिर सकती है। अगर आपको market structure की अच्छी समझ है, तो आप आसानी से पहचान सकते हैं कि किस zone से आपको trade से exit करना चाहिए, ताकि आप अपने profit को secure रख सकें और unnecessary loss से बच सकें।
तो आपको ये important zones mark करने चाहिए और trade लेने से पहले check करना चाहिए कि market किसी rejection zone पर तो नहीं है।
इसलिए, market के structure को समझना और higher timeframes का analysis करना बेहद ज़रूरी है, ताकि आप अपने trades में सही decisions ले सकें।
4] Movements in Premium
अगर आप options trading करते हैं, तो आपको पता ही होगा कि यह momentum का game है। अगर आप option buying करते हैं, तो आप बिना momentum के profit नहीं कमा सकते।
मान लीजिए, आपने किसी specific strike price का CE (Call) option buy किया है और आप देखते हैं कि market आपके direction में ऊपर जा रहा है, लेकिन premiums में movements इतनी नहीं हैं। ऐसे समय में आपको trade से exit कर लेना चाहिए।
वहीं, कभी-कभी premiums early movements देने लगते हैं, यानी actual spot में movement आने से पहले ही premium move करने लगते हैं। यह एक अच्छा indication होता है कि price जल्द ही आपकी direction में move कर सकती है। तो कभी भी options में trade करते समय, आपका ध्यान premiums के chart पर भी होना चाहिए कि premiums कैसे move कर रहे हैं।
अगर आप मेरी live streams follow करते हैं, तो मैंने कई बार कहा है कि premium में movement नहीं है, तो इस trade में मत enter करो।
तो as an options trader, एक trade में प्रवेश करने से पहले आपको premiums के movements पर भी ध्यान देना चाहिए।
5] Take Profit (TP)
Trade में प्रवेश करने से पहले, आपको यह तय करना चाहिए कि आपके Take Profit (TP) levels क्या होंगे। Take Profit का मतलब है कि आप कितने profit पर trade से बाहर निकलना चाहते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपको पता चलता है कि आप कितनी दूरी तक price के बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं और कब आप अपने profit को secure करना चाहते हैं।
मान लीजिए कि आपने किसी stock में buy किया है और आपकी expectation है कि price कुछ समय में 10% तक बढ़ सकती है। तो आपको पहले से ही तय करना चाहिए कि आपको 10% के profit पर exit करना है या आप थोड़ा और wait करना चाहेंगे। सही TP levels तय करने से आपको trade से बाहर निकलने का clear plan मिलता है और आप अपने profits को secure कर सकते हैं।
अगर आप TP levels को ठीक से decide नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि market आपके favor में चल रही हो लेकिन आप profit निकालने में असमर्थ रह जाएं क्योंकि आपने सही TP levels set नहीं किए।
इसलिए, trade में प्रवेश करने से पहले अपने TP levels को clear कर लेना बहुत ज़रूरी है, ताकि आप अपने profits को efficiently manage कर सकें और trade में गलत decisions से बच सकें।
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दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको ये सभी points अच्छे से समझ में आए होंगे। मैं चाहता हूँ कि अब से आप किसी भी trade में प्रवेश करने से पहले इन सभी points को ज़रूर चेक करें। इससे आप बहुत systematic decisions लेंगे और random trades में प्रवेश नहीं करेंगे। ये points आपके trading journey में बहुत मदद करेंगे।
धन्यवाद
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