Straddle and Strangle | Explained in Detail

देखिए, जैसे कि आपको पता होगा कि options में trade करना कितना मुश्किल होता है। इसके कई सारे कारण होते हैं और उनमें से एक बड़ा कारण यह है कि ज़्यादातर समय market sideways ही रहता है। और अधिकतर लोग sideways market में trade करके loss कर बैठते हैं। तो ऐसे sideways conditions में Straddle और Strangle जैसी strategies काम आती हैं।

इस blog post में, मैंने Straddle और Strangle strategies को detail में explain किया है—ये strategies क्या होती हैं, आप कैसे इन्हें use कर सकते हैं, और ये किस conditions में काम आती हैं। साथ ही, इन strategies के फायदे और नुकसान भी cover किए हैं। तो blog को अंत तक ज़रूर पढ़िएगा, शायद यह strategy आपके काम आ जाए।

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Straddle और Strangle क्या होते हैं?

सबसे पहले, यह clear कर दूं कि Straddle और Strangle दो अलग concepts हैं, लेकिन इनका base एक ही है। इसलिए मैं इन दोनों concepts को एक साथ explain कर रहा हूँ। दोनों ही concepts sideways market में काम करते हैं।

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Straddle क्या होता है?

चलिये, एक scenario discuss करते हैं। मान लीजिए आप Bank Nifty में trade कर रहे हैं और Bank Nifty चल रहा है 50,000 पर। आप देखते हैं कि market काफी range-bound है, मतलब Bank Nifty 50,150 और 49,950 के बीच ही up-down हो रहा है, जिसे मैं live stream पर choppy भी कहता हूँ।

तो आपने देखा कि market तो range-bound जा चुका है। ऐसे समय में आप 1 directional trade तो ले नहीं सकते हैं, अगर आपने लिया भी, तो high chances हैं कि आप loss कर बैठेंगे।

तो ऐसे समय पर आप Straddle strategy का use कर सकते हैं। जैसे मैंने कहा कि Bank Nifty 50,000 पर है, तो अब 50,000 का जो Strike Price है, वो ATM Strike Price हुआ, सही? Straddle में यही होता है कि आप Range Bound Market में ATM का Strike Price के CE और PE दोनों को BUY/SELL कर देते हैं। ध्यान दीजिए कि Straddle बनाते समय सिर्फ ATM Strike Price ही use की जाती है।

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1] Short Straddle

तो Range-bound market में जब आप ATM यानी 50,000 के CE और PE options को sell करते हैं, तो उसे Short Straddle कहते हैं।

अब मैं आपको बताता हूँ कि इसमें आपको profit कैसे होगा। सीधी सी बात है, अगर market range-bound है, तो Premium Decay तो होगा ही। और अगर आपने दोनों options को sell कर दिया है, यानी short straddle बनाया है, तो आपको premium decay का अच्छा-खासा advantage मिलेगा और उससे profit भी होगा।

और अगर मान लीजिए price किसी एक direction में break out कर देता है, तो ऐसे समय में आप दूसरे option की position से exit कर सकते हैं।

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Advantages और Disadvantages of Short Strangle

Advantages:

  1. Time Decay (Theta) से Benefit: जैसे-जैसे options की expiration date पास आती है, options का time value कम होता जाता है। Short Strangle में, time decay trader के favor में काम करता है, जिससे उसे premium का लाभ मिलता है।
  2. Sideways Strategy: Short Strangle का use sideways market conditions में किया जा सकता है, especially जब trader को लगता है कि market stable रहेगा या हल्के fluctuations होंगे।

Disadvantages:

  1. Margin Requirement: Short Strangle strategy में high margin की requirement होती है, क्योंकि इसमें Option Selling होता है। Trader को अपने account में sufficient margin maintain करना पड़ता है।
  2. Time-Sensitive: अगर market अचानक बहुत जल्दी और बड़े fluctuations का सामना करता है, तो trader को timely action लेना पड़ता है ताकि वह losses से बच सके।

2] Long Straddle

जैसे आपने Short Straddle में ATM Strike Price के दोनों options यानी CE और PE को sell किया था, Long Straddle में आप ATM Strike Price के दोनों ही Options को buy कर लेते हैं। बस, इसे ही Long Straddle कहते हैं।

Long Straddle आप तब बनाते हैं जब आपको लगता है कि market range-bound तो है, लेकिन कभी भी किसी एक side में breakout या breakdown करके एक बड़ा move दे सकता है। तो इस वक्त आप Long Straddle बनाकर profits कमा सकते हैं।

Advantages और Disadvantages of Long Straddle

Advantages:

  1. Market Direction की चिंता नहीं: Long Straddle strategy में trader को market की direction की चिंता नहीं करनी पड़ती। चाहे market ऊपर जाए या नीचे, दोनों ही cases में profit की संभावना होती है, बशर्ते movement पर्याप्त हो।
  2. Limited Risk: इस strategy में risk limited होता है। Trader का maximum loss केवल उतना ही होगा जितना उसने दोनों options के premiums में invest किया है।

Disadvantages:

  1. High Cost: Long Straddle में trader को दो options खरीदने होते हैं, इसलिए इसका initial cost (premiums) high होता है। अगर market में significant movement नहीं होता, तो यह cost loss में convert हो सकता है।
  2. Time Decay (Theta) का Negative Impact: जैसे-जैसे options की expiration date पास आती है, उनके time value का नुकसान होने लगता है। अगर market stagnant रहता है, तो time decay trader के खिलाफ काम करेगा।
  3. Significant Movement की जरूरत: Strategy को profitable बनाने के लिए market में significant movement जरूरी है। अगर market में बहुत कम या कोई movement नहीं होता, तो trader को loss हो सकता है।

Strangle क्या होता है?

अगर आपको Straddle concept समझ में आ चुका है, तो अब आपको Strangle समझने में बिल्कुल भी problem नहीं होगी। जैसे आपने Straddle में ATM के Strike Price को BUY/SELL किया था, वैसे ही आप Strangle में करते हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि आप Strangle में OTM को BUY/SELL करते हैं।

1] Short Strangle

मान लीजिए आपको समझ में आ चुका है कि market ने एक range पकड़ ली है, तो वो इस range को तोड़ने वाला नहीं है। उदाहरण के लिए, जैसे मैंने कहा कि Bank Nifty 50,000 पर है और 50,150 और 49,950 के बीच ही range-bound है। तो अब 50,000 का Strike Price ATM हो चुका है और 50,150 और 49,950 OTM हो चुके हैं। अब आप इन दोनों OTM को sell कर देंगे।

अगर आपके analysis के हिसाब से market इस range में रहा, तो आपको premium decay की वजह से profit होगा। और अगर market किसी एक direction में move करता है, तो आपका एक OTM premium ATM हो जाएगा, जिससे आपको अच्छा profit दिखेगा, और आप इसके against वाली position से exit कर सकते हैं।

Advantages और Disadvantages of Short Strangle

Advantages:

  1. Time Decay (Theta) का Benefit: जैसे-जैसे options की expiration date पास आती है, उनके time value का erosion होता है। इस strategy में, time decay trader के favor में काम करता है, क्योंकि sold options की value कम होती जाती है, जिससे profit potential बढ़ता है।
  2. Flexible Strategy: Short Strangle का use तब किया जा सकता है जब trader को लगता है कि market stable रहेगा या हल्के fluctuations होंगे। Market में बहुत कम movement के दौरान भी trader को profit होने की संभावना रहती है।

Disadvantages:

  1. Unlimited Risk: Short Strangle में trader को theoretically unlimited risk होता है। अगर market बहुत ज्यादा ऊपर या नीचे move करता है, तो losses बहुत बड़े हो सकते हैं। इसीलिए इस strategy को manage करना बहुत important है।
  2. Margin Requirement: इस strategy में काफी high margin की जरूरत होती है, क्योंकि इसमें Option Selling किया जाता है। Trader को अपने account में पर्याप्त margin maintain करना पड़ता है।
  3. Time-Sensitive: अगर market suddenly और unexpectedly move करता है, तो trader को quick action लेना जरूरी होता है ताकि वो losses को minimize कर सके। इसीलिए इस strategy को बहुत closely monitor करना पड़ता है।

2] Long Strangle

Long Strangle आप तब बनाते हैं जब market range-bound होता है और आप expect करते हैं कि market किसी एक direction में बड़ा move करने वाला है। तो आप इस वक्त OTM के CE और PE को buy कर लेते हैं। अगर market किसी एक direction में अच्छा move करता है, जैसे कि मान लीजिए कि market upside में अपना range का breakout दे रहा है, तो आपका CE वाला option position profit में होगा और PE वाला option position loss में होगा। तो इस वक्त आप अपनी loss-making position से exit कर के CE option के profits का आनंद ले सकते हैं।

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Advantages और Disadvantages of Long Strangle

Advantages:

  1. Lower Cost: Long Strangle का cost Long Straddle की तुलना में कम होता है क्योंकि इसमें out-of-the-money options खरीदे जाते हैं। इसका मतलब है कि initial investment कम होता है, जिससे risk भी कुछ हद तक कम हो जाता है।
  2. Market Direction की चिंता नहीं: इस strategy में trader को market की direction की चिंता नहीं करनी पड़ती। चाहे market ऊपर जाए या नीचे, दोनों ही cases में profit की संभावना होती है, बशर्ते movement पर्याप्त हो।

Disadvantages:

  1. Significant Movement की जरूरत: Strategy को profitable बनाने के लिए market में बहुत बड़ा movement जरूरी है। अगर market में कम या कोई movement नहीं होता, तो दोनों options worthless हो सकते हैं, और trader को loss हो सकता है।
  2. Time Decay (Theta) का Negative Impact: जैसे-जैसे options की expiration date पास आती है, उनके time value का नुकसान होने लगता है। अगर market stagnant रहता है, तो time decay trader के खिलाफ काम करेगा और दोनों options की value घट जाएगी।
  3. Limited Time Frame: Long Strangle एक time-sensitive strategy है। Trader को market में expected movement को options की expiration date से पहले देखना होगा, वरना वह loss में जा सकता है।

Conclusion

आशा करता हूँ कि आपको ये blog post पसंद आई होगी और इससे आपको trading के एक नए concept के बारे में सीखने को मिला होगा। ये सारी learnings आपके लिए काफी काम आएंगी, अगर आप trading को seriously लेते हैं तो। और अगर आप किसी और concept के बारे में learn करना चाहते हैं, तो ज़रूर से comment लिखें। मैं उस topic पर ज़रूर से video और blog post बनाऊंगा। धन्यवाद!

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I’m Sagar Naik, the content creator behind a dynamic trading channel, Wealth Secret Official, which aspires to reshape the landscape of investment education on YouTube. I have 4 years experience in Stock Market.

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